भूतिया स्कूल की कहानी | भूत की कहानी | bhoot ki kahaniyan bhoot ki kahaniyan

आप सभी ने भूतों की कहानियां, भूतिया कहानियां तो बहुत सुनी होगी। भूतिया कहानी की कड़ी में आज हम आपको भूतिया स्कूल की भूतिया कहानी सुनाने वाले है।

भूत की कहानियां | भूतिया कहानियां | बचपन की भूतिया कहानियां

क्या है भूतिया स्कूल की कहानीभूत की कहानियां, भूत वाली कहानी, भूतों की कहानी

भूतिया स्कूल की कहानी | भूत की कहानी | Bhoot Ki Kahani Bhoot Ki Kahani

Bhutiya-School

बहुत समय पहले की बात है रवि और उसकी पत्नी को मैं एक छोटी सी घर में रहती थी रवि को ऑफिस में काम करता था और कोमल घर पर जाकर घर का काम किया करती थी रविवार को भी दो बच्चे थे बेटे का नाम नमन और बेटी का नाम नैना।

रवि और कोमल हमेशा नमन को ही प्यार करते थे। और नैना पर कुछ खास ध्यान नहीं देते थे।

एक दिन रवि और उसका परिवार दूसरे घर में शिफ्ट हो जाते हैं वैसे तो सब कुछ बड़ा अच्छा है पर मैं नमन की स्कूल के बारे में सोच रही थी उसका एडमिशन करवाना है।

तुम चिंता मत करो। पास के स्कूल में बात हो गई है। मेरे बॉस की बहुत अच्छी जान पहचान है। इसलिए वहां एडमिशन हो पा रहा है, वरना एडमिशन करवाना बहुत ही मुश्किल है।

हां...पर एक ही बच्चे का एडमिशन हो सकता है।

रवि की पत्नी – तो ठीक है नमन का एडमिशन करवा दीजिए। 

नैना – मैं.... मैं कौन से स्कूल में पढ़ लूंगी मां।

ओहो, पढ़ लिख कर क्या डॉक्टर बनेगी तू। एक दिन शादी करके अपने घर ही तो जाना है तुझे,समझी। नैना बहुत रोती है लेकिन कोई भी उसकी बात नही सुनता। कुछ दिन बाद से नमन स्कूल जाने को तैयार होने लगता है।

क्या होता है कि तभी मैंने उसके कमरे में आती है

करी रा हो तभी देना उसके कमरे में आती है

सुबह नमन स्कूल जाने के लिए निकल ही रहा होता है कि तभी नैना उसके कमरे में आती है। 

नमन नैना को देखकर बोलता है – देख मेरा बैग मेरी बोतल। तुझे पता है मेरा स्कूल कितना सुंदर है कितने सारे झूले हैं वहां। 

नैना – सच्ची में कितना मजा आता होगा ना स्कूल में। मैडम कितना अच्छा अच्छा पढ़ती होगी ना स्कूल में।

नमन – चल पागल पढ़ना किस को अच्छा लगता है मुझे तो बस वहां झूलों पर झूला और बच्चों के साथ खेलना पसंद है 

नैना – यह तुम कैसी बात कर रहे हो भैया पता है। पापा कितने मुश्किल से तुम्हारी पढ़ाई का खर्चा उठा रहे है और तुम ऐसी बातें कर रहा हूं।

नमन – मैं जो तुझे बोल रहा हूं वह बस अपने तक रखना समझा। वरना मम्मी से तेरी शिकायत कर दूंगा और तुझे तो पता ही है कि मम्मी तेरा क्या हाल करेगी। हा हा हा हा

तभी वहां कोमल आ जाती है। कितनी देर हो गई नमन। चलो जल्दी। नहीं स्कूल बस निकल जाएगी।

बच्चों की हिंदी कहानियां | हिंदी कहानियां जादू

नमन स्कूल के लिए निकल जाता है। नैना पूरा दिन अपने मां के साथ घर के कामों में हाथ बटाती है। उसका स्कूल में नही जाने का बहुत ही बड़ा दुख होता है लेकिन कुछ भी नहीं कर सकती थी।

एक रात नैना को नींद नहीं आ रही होती तो वह खिड़की पर जाकर खड़ी हो जाती है और बाहर की ठंडी हवा ले रही होती है। नैना खड़ी होकर स्कूल के बारे में सोच रही होती है कि तभी उसे आवाज आती है।

B A T बैट C A T कैट । 

नैना – रात में बच्चे के पढ़ने की आवाज कहां से आ रही है। 

नैना और ध्यान लगाकर आवाज सुनने की कोशिश करती है तो इस बार फिर से आवाज आती है। 

चलो बच्चों अब अपनी हिंदी की कॉपी निकालो। मैं आज तुमको एक कहानी सुनाऊंगी 

नैना – अरे यह तो किसी टीचर की आवाज है जो बच्चों को पढ़ा रही है और इतनी रात को कौन सी टीचर बच्चों को पढ़ा रही है।

नैना इधर-उधर देखती है तो थोड़ी दूर पर उसे एक बिल्डिंग दिखती है। जिसकी खिड़की से लाइट आ रही होती है और उसे खिड़की से बच्चे और टीचर की आवाज आ रही होती है। 

नैना – अच्छा तो यह आवाज है यहां से आ रही है पर इतनी रात में...पर मुझे जाकर वहां देखना चाहिए।

नैना बिना डरे चुपचाप घर के बाहर निकल पड़ती है और उस बिल्डिंग के पास जाती है। बिल्डिंग पर विद्यालय लिखा होता है। नैना बिना सोचे समझे स्कूल के अंदर घुस जाती है। अंदर एक अजीब शक्ल की औरत रिसेप्शन पर बैठी होती है। 

वह औरत – तुम्हारी क्लास कब से शुरु हो गई है 

चलो जल्दी से जाओ, तुम्हारी क्लास कब से शुरु हो गई है जल्दी जाओ और कल से लेट मत होना।

नैना – मेरी क्लास?... पर मैं तो यहां पहली बार आई हूं नैना ने देखा वहां एक मैडम हाथ में फाइ लेकर घूम रही होती है। चलो जल्दी जाओ वरना मैडम बहुत गुस्सा करेंगे। 

पर मैं तो.... बात बाद में करना पहले क्लास में जाओ नैना को कुछ समझ में नहीं आता कि आखिर हो क्या रहा है। पहली बार स्कूल में आई है और सब उसके साथ ऐसा व्यवहार कर रहे है जैसे वह उसी स्कूल की बच्ची है।

Bhutiya Story In Hindi | Real Bhutiya Story

नैना क्लास में घुसते ही उसकी आंखें फटी की फटी रह जाती है। वहां एक चुड़ैल भूतिया बच्चों को पढ़ा रही होती है। नैना जोर से चिल्लाती है बचाओ....। 

चुड़ैल – शोर मत मचाओ.. बच्चे टेस्ट कर रहे है और तुम इतनी लेट क्यों आई चलो अंदर बैठों।

नैना को कुछ समझ नहीं आ रहा होता की वह क्या करे। नैना की वहां से भागने की भी हिम्मत नहीं होती।

मैडम – अब चलो क्या बाहर ही खड़ा रहना है। बोला ना अंदर आकर बैठो... चलो जल्दी आओ 

नैना चुपचाप एक खाली सीट बैठकर देखकर वहां बैठ जाती है। नैना की सीट पर पहले से ही एक नया बैग और उसमें नई किताबें और नई बोतल और भी बहुत सी चीजें होती है। वाह कितना सुंदर है यह सब तुम्हारा है। चलो अब तुम भी अपनी कॉपी किताब निकालो। 

 इसे भी पढ़े  :- 

मैडम – बाकी बच्चों के साथ ही प्यार और अच्छे से पढ़ाई होती है। नैना अपनी पढ़ाई में लीन हो जाती है कि कुछ ही देर में उसका डर अपने आप खत्म हो जाता है और उसे मजा आता है।

मैडम सबको थैंक यू बोलती है। और नैना को टॉफी देती है और कहती है कल आना ठीक है फिर तुम्हें रोज टॉफी मिलेगी।

नैना – ठीक है मैडम

मैडम – लेकिन एक बात का ध्यान रखना।

नैना – क्या बात ?

मैडम – किसी को भी इस स्कूल के बारे में मत बताना वरना कोई भी तुम्हें यहां दोबारा नहीं आने देगा।

नैना – मैं किसी को नहीं बताऊंगी। 

नैना की स्कूल की छुट्टी रात के 3:45 हो जाती है और फिर वह अपने घर आकर चुपचाप सो जाती है। अगले दिन उठती है लेकिन किसी को भी रात की बात नहीं बताती क्योंकि उसे डर होता है कि उसके इस स्कूल में जाने के बाद उसके मां-बाप उसको दोबारा उस स्कूल में नहीं जाने देंगे। इसलिए रात की बात किसी को नहीं बताती।

नैना को तो पढ़ने का इतना शौक होता है कि उसे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसे पढ़ने के लिए आधी रात में एक भूतिया स्कूल में जाना पड़ रहा है और वहां पढ़ने और पढ़ाने वाले भूतिया चुड़ैल और भूतिया लोग है। 

नैना रात के 12:00 बजने का इंतजार करते है जैसे ही 12 बजते है। वह दोबारा उसे भूतिया स्कूल में पढ़ने चली जाती है और खूब मन लगाकर पढती है। 

नैना – कितना अच्छा लग रहा है यार कितना सीखने को मिल रहा है। 

भूत – सच में मुझे भी पढ़ने का बहुत शौक है। 

नैना – पर तुम भूत कैसे बन गए। यह टीचर भी भूत है।

Hindi Bhutiya Story | Bhutiya Story Hindi

भूत – एक दिन इस स्कूल में आग लग गई थी और बहुत से बच्चे और टीचर उसमें जलकर मर गए थे और इस स्कूल का मालिक भी उसी में जलकर मर गया था। उस दिन से यह स्कूल बंद है और हम लोग आज भी अपनी मैडम से पढ़ते है।

नैना – रोज रात को उसी स्कूल में जाती और छोटे बच्चों के साथ क्लास में बैठकर पढ़ाई करके कभी कोई चुड़ैल उन्ह पढ़ाती तो कभी कोई और चुड़ैल। पर सभी चुड़ैल टीचर बहुत अच्छी थी और वह सब बच्चों को खूब प्यार करते है।

नैना को उसी स्कूल में पढ़ते पढ़ते काफी साल हो जाते है। और उसकी पढ़ाई पूरी हो जाते है। कभी किसी को नैना के स्कूल के बारे में कोई पता नहीं चलता नमन और नैना काफी बड़े हो जाते है।

नमन इतने अच्छे स्कूल में पढ़ने के बावजूद भी नालायक होता है और नैना बहुत होशियार हो चुकी होती है। 

एक दिन कोमल और रवि नमन पर चिल्ला रहे होते है  रवि– साब कुछ तेरी पढ़ाई पर लगा दिया। लेकिन तूने सब कुछ बर्बाद कर दिया। जब देखो तब फैल फैल फैल खेल। अब तो हद हो गई है। मेरे पास अब एक भी पैसा नहीं बचा जो मैं तेरी पढ़ाई पर लगा सकूं, समझा। 

नमन – आपने मेरे ऊपर पैसा लगाए है तो कुछ अहसान नहीं किया है और मैंने अपनी तरफ से पढ़ाई की है अब मैं फेल हो गया तो इसमें इतना क्या गुस्सा हो रहे हो।

कोमल – हे भगवान इस लड़के को जरा भी शर्म नहीं है।

नमन पढ़ने में कभी ध्यान नहीं देता और ऊपर से दिन प्रतिदिन बहुत बदतमीज होता जा रहा था। घर से पैसे तक चुराने शुरू कर दिए थे। 

एक दिन जब रवि और उसके परिवार के बॉस के घर पार्टी में जाते है। तो नमन वहां भी चोरी करने लगता है और बॉस उसे चोरी करते हुए रंगे हाथों पकड़ लेता है।

रवि का बॉस – यह वही है ना जिसका मैंने एडमिशन करवाया था। देखो तो आज मेरे ही घर में चोरी कर रहा है। रवि तुमको कल से ऑफिस आने की कोई जरूरत नहीं है, समझे। 

रवि – सर मेरी क्या गलती है।

बॉस – मैं चोर के बाप को नौकरी पर नहीं रख सकता। नमन की हरकत की वजह से रवि की नौकरी चली जाती है। कुछ ही समय में वो लोग सड़क पर आ जाते है। उनके घर में खाने को एक दाना भी नहीं रहता है। 

यह सब देख कर नैना को बहुत दुख होता है। नैना पड़ोस के बच्चों को पढ़ाने लगते है और घर का खर्चा चलाने लगती है।

रवि कोमल यह जानकर आश्चर्य में पड़ जाते है की बेटी नैना बच्चों को पढ़ाती है। 

वह बड़ी हैरानी से – नैना तो कभी स्कूल ही नहीं गईं तो फिर वह दूसरे बच्चों को कैसे पढ़ा सकती है।

कोमल – यही बात सोचकर तो मैं भी परेशान हूं। 

एक दिन रवि और कमल नैना से यह बात पूछते है लेकिन नैना बताने से हिचकिचाती है कि उसने इतनी पढ़ाई कहां से की। 

कोमल और रवि नैना के पीछे ही पड़ जाते है। और नैना को सब सच बताना पड़ता है। 

नैना की बात सुनकर पर रवि और कमल दंग रह जाते है। 

रवि – तुम पढ़ने के लिए आधी रात को भूतों के स्कूल में जाती थी। यह सब हमारी गलती है। कभी तुम्हारी पढ़ाई को अहमियत नहीं दी। जबकि तुम्हारे अंदर पढ़ने की कितनी लगन थी। हमने उस लड़के पर सारे पैसे लगा दिया। जिसने हमारी इज्जत तक मिटटी में मिला दी। हमें माफ कर देना बेटी।

कोमल और रवि को अपनी गलती का एहसास हो जाता है। नैना उसके बाद कभी उस भूतिया स्कूल में दोबारा नहीं गई। लेकिन वहां के टीचरों को हमेशा दिल से धन्यवाद करती है।

यहाँ पर आप हिंदी कहानियां , भूतिया कहानियांअसली की भूतिया कहानियांश्रापित भूतिया गांवगांव की कहानीBhooto ki kahani  पढ़ सकते है। 

Friendsहमें उम्मीद है आपको यह हिंदी कहानियां पसंद आई होगी। भूतिया स्कूल की कहानी | भूत की कहानियां | भूतों की कहानियां | भूतों की कहानी‘ कहानी को Facebook Twitter Whatsapp InstaGram TeleGram पर अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।

कृपया comments के माध्यम से बताएं कि आपको यह जानकारी कैसी लगी।

नई भूतिया कहानियां पढ़ने के लिए आप हमारे फेसबुक पेज Rahasyo ki Duniya को Like और Follow करें 

 भूतिया कहानियां  :-

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने

संपर्क फ़ॉर्म