दुनिया में अजीबों-गरीब भूतिया घटनाये होती रहती है लेकिन इनमे कितनी सच्चाई होती है इसका कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है। आप सभी ने भूतिया कहानियां, bhooto wali kahani, भानगढ़ की कहानी ,Bhooton Ki Kahani, कुलधरा गांव का रहस्य, भूतों की हवेली, भूतिया खंडहर के बारे में तो जरूर सुना होगा।
सिर कटे भूत की कहानी | सिर कटा भूत | Haunted Story In Hindi | Bhooton Ki Story
मयंक एक मल्टीनेशनल कंपनी में ब्रांच मैनेजर की नौकरी करता था। एक रोज मयंक को ऑफिस से घर जाने में देरी हो गयी। सर्दियों के मौसम में दिन का समय जल्दी बीतता है। और शाम होते होते ठंडी भी हो जाती है।
सिर कटे भूत की कहानी | Real Ghost Story In Hindi
मयंक ऑफिस से घर जाने के लिए निकला। मयंक घर के रास्ते पर चला जा रहा था। तभी उसे आवाज सुनाई दी।
“यही रुक जाओ…!”
आवाज सुनकर मयंक वहीं ठहर गया और पीछे मुड़कर चारों तरफ देखने लग गया । लेकिन चारों तरफ कोई नहीं दिखाई दिया। मयंक को फिर से वही आवाज सुनाई दी।
“सामने देखो…!”
जैसे ही मयंक ने सामने की तरफ देखा तो जमीन पर कुछ चमकती हुई चीज दिखाई दी। मयंक उसके पास गया और देखा तो यह कोई साधारण चीज नहीं थी बल्कि एक चमकता हुआ बेशकीमती हीरा था।
मयंक ने चमकते हीरे को अपने हाथ में लिया। हीरे की चमक देख कर मयंक की खुशी का कोई ठिकाना ना रहा। मयंक इस बात से बिलकुल अनजान था की यह कोई साधारण नहीं बल्कि एक मायावी हीरा है।
अचानक मायावी हीरा/भूतिया हीरा में से आवाज आई। मयंक तुम्हें और हीरे चाहिए तो इस जमीन को खोदो।यहाँ पर जमीन के नीचे बहुत सारे हीरे है।
मयंक खुश हो गया। और उसने ख़ुशी-ख़ुशी मायावी हीरा को अपनी जेब में डाला और जमीन की खुदाई शुरूकर दी।
लगभग 2 फीट खुदाई करने के बाद अचानक मयंक डर के मारे चिल्लाने लगा। जिसके कारण उसका संतुलन खो गया और मयंक जमीन पर गिर पड़ा।
क्योंकि उस गड्ढे में से चमकते हीरे मोती नहीं बल्कि किसी इंसान का कटा सर था। तभी अचानक इंसान का कटा सर/सिर कटा भूत हवा में उड़ने लगा और बोला, “डरो मत मैं तुम्हें कोई हानि नहीं पहुंचाउगा।”
मैं तुम्हें बहुत सारे चमकते बेशकीमती हीरे भी दूंगा। बस मेरी बात को ध्यान से सुनो मैं जहां जाता हूं वहां मेरे पीछे-पीछे चले आओ।
जिसके बाद सिर कटा भूत हवा में उड़ा और जंगल की ओर बढ़ने लगा।
लगभग 1 किलोमीटर चलने के बाद सिर कटा भूत रुक गया। और साथ में मयंक भी रुक गया।
फिर इंसान का कटा सर मयंक से बोलता है - इस जमीन में बहुत सारे बेशकीमती हीरे मोती जवाहरात छुपे हुए है। ये सुनकर मयंक वहा पर खुदाई करने लगा।
खुदाई करने के बाद गड्डे में जो मिला उसको देखकर मयंक और भी दर गया। क्योकि वहाँ हीरे नहीं बल्कि सिर का कटा हुआ धड़ मिला।
इंसान का कटा सिर कहता है - “अब तुमको एक अंतिम काम करना है। उसके बाद मैं तुम्हे बेशकीमती हीरों से मालामाल कर दूँगा। तुम्हे कहीं से भी एक लोटा खून लाना होगा।”
मयंक ने कहा - एक लोटा खून! पर मैं एक खून का लोटा कँहा से लाऊंगा?
इंसान का कटा सिर बोला - चलो मेरे साथ।
वो डरावना चहेरा मयंक को साथ लेकर थोड़ी दूर गया।जहाँ उसे एक इंसान को जाते हुए दिखाई देता है।
सिर कटा भूत बोला - उस इंसान की हत्या कर उसका खून ले आओ।
मयंक डर गया और बोला - नहीं नहीं, यह मुझसे नहीं होगा। मैं किसी की हत्या नहीं कर सकता।
सिर कटा भूत बोला - यदि तुमने मेरा कहा नहीं माना तो मैं तुम्हारी जिंदगी बर्बाद कर दूंगा।
मयंक हाथ जोड़कर उस कटे सिर से कहता है - मुझे माफ़ कर दो। यदि मैं उस इंसान की हत्या कर दूंगा तो पुलिस मुझे सजा देगी। और मेरी पूरी जिंदगी जेल की काल कोठरी में बीत जाएगी।
कटा सिर कुछ तंत्र शक्तियों का उच्चारण करता है और एक छुरी और लौटा प्रकट हो जाता है।
सिर कटा भूत गुस्से से बोला - यदि तुम मेरा कहा नहीं मानोगे तो मैं तुम्हारे साथ-साथ तुम्हारे परिवार की भी मृत्यु कर दूंगा।
मौत के डर से मयंक उस व्यक्ति की हत्या करके खून का लौटा भर कर ले आता है और इंसान के कटे हुए सिर के पास रख देता है।
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जिसको देखकर वो भूत बहुत खुश हुआ। और मयंक से बोला - यह खून का लौटा मेरे धड़ पर डाल दे।
उस सिर कटे भूत के कहे अनुसार मयंक ने खून से भरा लौटा उसके धड़ पर डाल देता है। जिसके पश्चात कटा हुआ सिर और कहा हुआ धड़ दोनों आपस में जुड़ जाते हैं। जिसको देखकर मयंक और भी बुरी तरह भयभीत हो गया।
जो भी हो रहा था उसको देख कर मयंक की हालत बहुत खराब हो गयी थी। भूत को जिन्दा होता देख कर मयंक भयभीत हो गया था।
भूत जिन्दा होकर जोर-जोर से हसने लगा। और भयानक आवाज में जोर से बोला - मुर्ख इंसान तुमने मुझे जिन्दा करके बहुत बड़ी गलती कर दी है।
मुझे बहुत तेज भूख लगी है। और अब मै तुम्हारा मांस खाकर अपनी भूख शांत करूँगा।
अब पुरे शहर का सर्वनाश होगा। यहां के हर इंसान को मैं खत्मं कर दूंगा।
बुरी तरह से भयभीत मयंक के मूँह से आवाज भी नहीं निकल रही थी। जिसके बाद मयंक वहा से तेजी से भागता है। लेकिन भूत ने छलांग लगा कर मयंक को वही गिरा दिया। और बोला भागता कहा है - अब भूख शांत करेगा। मई तेरा मांस खाऊंगा।
वो भूत जैस ही मयंक को खाने को होता है। तुरंत उसका सिर उसके धड़ से अलग हो जाता है। मयंक कुछ समझ पाता उससे पहले मयंक को एक अघोरी बाबा दिखाई दिए।
अघोरी बाबा ने कहा - बालक चिंतित मत हो अब तुम उस सिर कटे भूत से सुरक्षित हो। जब तुम खून से भरा लौटा ले करजा रहे थे। मैं तभी समझ गया था की जरूर कुछ अनहोनी होने वाली है। और मैं तुम्हारे पीछे-पीछे आ गया।
मैंने अपनी मंत्र शक्ति से उस सिर कटे भूत को मार दिया है। अब तुम निश्चिंत होकर अपने घर जाओ।
आज भी मयंक को जब रात का खौफनाक मंजर याद आता है तो मयंक बहुत बुरी तरह डर जाता है।
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