शिमला टनल न 33 में भूत रहता है | Tunnel No 33 Shimla Haunted Story In Hindi

हिमाचल की पहाड़ियों की वादियों में बसा शिमला हिल स्टेशन बेहद खूबसूरत है। जहां कई जोड़ें शादी के बाद हनीमून के लिए जाते है। शिमला पहाड़ों में बसा एक बेहद खूबसूरत शहर है प्राकृतिक नजारों से भरपूर है।

शिमला हिल स्टेशन खूबसूरत होने के साथ बेहद डरावना भी है यहां कहीं ऐसे स्थान हैं जिनके बारे में कई भूतिया कहानियां कहीं जाती हैं जिनको मोस्ट हॉन्टेड प्लेस इन इंडिया में भी शामिल किया गया है।

मोस्ट हॉन्टेड पैलेस शिमला के बारे में भूतिया कहानियां कही जाती है। शिमला का बड़ोग रेलवे स्टेशन जिसको लोग भूतिया टनल , barog railway station haunted भी कहते है। 

बड़ोग-रेलवे-स्टेशन
Barog Railway Station Images

शिमला की बड़ोग सुरंग जो Unesco की World Heritage में शामिल है, का इतिहास बहुत रोमांचित कर देने वाला है। बड़ोग स्टेशन शिमला जहां पर बड़ोग सुरंग बनी हुई है।

Barog Railway Station History In Hindi

बड़ोग सुरंग का नाम इसको बनाने वाले इंजीनियर कर्नल बड़ोग के नाम पर रखा गया था। बड़ोग सुरंग के पीछे एक डरावनी भूतिया कहानी है।

बड़ोग रेलवे स्टेशन को Shimla Tunnel Number 33 भी कहा जाता है।

tunnel no 33 shimla लगभग 1143.61 km लंबा है। जिसको most haunted places के नाम से भी जाना जाता है।

Barog Railway Station को बनाने का जिम्मा ब्रिटिश इंजीनियर कर्नल बड़ोग को सौंपा गया था।

Barog Railway Station बनाने के लिए इंजीनियर ने दौरा किया और पहाड़ के दोनों सिरों पर खोदकर सुरंग बनाने का ऑर्डर दे दिया।

इंजीनियर का अंदाजा था कि दोनों सिरों से खुदाई करने पर सुरंग बीच में आकर मिल जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

कर्नल बड़ोग की गलती के कारण ब्रिटिश सरकार ने कर्नल बड़ोग पर ₹1 का जुर्माना लगा दिया।

Tunnel No 33 Shimla की कहानी 

कर्नल बड़ोग इस घटना के बाद एक दिन अपने कुत्ते को लेकर सुरंग की तरफ टहलने निकले और सुरंग के अंदर जाकर खुद को बंदूक से गोली मार ली।

खून से लथपथ से शरीर कई घंटों तक उसी टनल में पढ़ा रहा था। उस आत्महत्या का उस आत्महत्या का साक्षी केवल कुत्ता था, क्योंकि गांव वालों को पहुंचने में समय लग गया था।

कर्नल बड़ोग को उसी आधी बनी सुरंग में दफना दिया गया था। जिस जगह कर्नल ने खुद को गोली मारी थी वहां आज बड़ोग पाइन वुड होटल बना हुआ है।

बड़ोग-रेलवे-स्टेशन
Barog Railway Station Images

कर्नल की मौत के बाद सन 1900 में Barog Railway Station का काम दोबारा शुरू किया गया। 1903 में शिमला टनल नंबर 33 पूरी तरह बनकर तैयार हो गया जिसका नाम ब्रिटिश सरकार ने कर्नल बड़ोग के नाम पर बड़ोग रेलवे स्टेशन रखा। 

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संत बाबा ने की मदद

barog railway station haunted को बनाने में स्थानीय संत बाबा भालू की की सहायता ली गई थी। इस सुरंग को बनाने में 8 लाख ₹40 हजार का खर्चा आया था। इस टनल को दुबारा HS Herrington ने बनाया था।

बड़ोग-रेलवे-स्टेशन

स्थानीय लोग कहते हैं कि इस सुरंग में आज भी इंजीनियर की आत्मा रहती है। जिसके कारण कोई भी इंसान रात के समय बड़ोग सुरंग में जाने की हिम्मत नही करता। कई लोग कहते है कि अनल में आज भी कराने की आवाजें सुनाई देती है। barog railway station haunted

भूतिया गतिविधि होती है Barog Railway Station में

वास्तव में वास्तव में Tunnel No 33 Shimla बेहद ही डरावना है। यदि इसके अंदर की सभी लाइटें बंद कर दी जाए तो यह और भी भयानक हो जाता है। Tunnel में पहाड़ का पानी रिसता है। यहां आपको कुछ दूर अंदर की तरफ चलने पर एक सुरंग दिखाई देगी, जहां से अजीबोगरीब आवाजों को सुना जा सकता है। सरकार ने उस सुरंग को लोहे का दरवाजा लगाकर बंद कर दिया था लेकिन एक दिन लोगों को दरवाजे का ताला टूटा हुआ मिला। जिसके बाद से आज तक वहां पर किसी ने भी ताला नहीं लगाया। इसके अंदर जाकर आप भी उन खोफनाक आवाजों को सुन सकते है।

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