पक्षियों की आत्महत्या का रहस्य | Jatinga Haunted Story In Hindi

भारत के असम राज्य में स्थित एक ऐसा गांव, जो पूरे साल भर में शांत रहता है। लेकिन एक-दो माह में पूरे विश्व भर में सुर्खियों का केंद्र बन जाता है। जहां होने वाली अजीबोगरीब रहस्यमई घटना लोगों का ध्यान रातो रात केंद्रित कर लेते है।

दक्षिणी असम क्षेत्र में के दिमो हासो जिले की पहाड़ियों पर स्थित जतिंगा गांव (jatinga valley) प्राकृतिक सुंदरता से सरोवर बेहद खूबसूरत गांव हैं जो यहां की रहस्यमई घटना के कारण लोगों की नजर में रहता है।

जतिंगा वैली का रहस्य

जतिंगा वैली का रहस्य (jatinga bird mystery) बहुत ही भयानक और अनसुलझा है। जतिंगा वैली असम के उत्तरी काछर पहाड़ी में स्थित एक बेहद ही खूबसूरत वैली है जो अपने नारंगी बागों के लिए विश्व विख्यात है। इस खूबसूरत जतिंगा वैली को घूमने के लिए पर्यटक यहां आते है।

जतिंगा वैली | Jatinga Horror Story In Hindi

आसम में स्थित जतिंगा वैली जहां पक्षी आत्महत्या करते है। jatinga valley में पक्षियों की होने वाले आत्महत्या के पीछे क्या कारण है इसके बारे में किसी को कोई खबर नहीं है इस जगह को जतिंगा के नाम से जाना जाता है।

लगभग पिछले 100 सालों से हर साल असम की jatinga valley में आकर हजारों परिंदे आत्महत्या करते है। 2500 लोगों की आबादी वाले इस छोटे से jatinga valley में प्रत्येक वर्ष पक्षियों की आत्महत्या की घटना बहुत विचित्र होने के साथ-साथ रहस्यमई भी है।

असम क्षेत्र प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत के कारण पर्यटकों को बहुत आकर्षित करता है। क्षेत्र को और भी सुंदर बनाने में प्रदेश की पहाड़ियों और घाटियों में बसने वाले लोगों ने अपनी मिश्रित संस्कृति से अपना सहयोग किया है। जिससे प्रदेश में संस्कृति और सभ्यता की समृद्ध परंपरा और भी आगे बढ़ गई है। लोग यहां आकर अच्छा समय व्यतीत करते है और यहां की यादों को संजो कर अपने साथ लेकर जाते है।

जतिंगा वैली के घने जंगल | Jatinga Bird Mystery In Hindi

असम के चाय के बागान स्वच्छ निर्मल ब्रह्मपुत्र नदी और घने सुंदर जंगल पर्यटकों को अपनी तरफ निभाते हैं भारत के उत्तर-पूर्व के राज्यों में असम एक ऐसा क्षेत्र है जो शांति सांस्कृतिक और परंपरा से परिपूर्ण है। असम भारत का सबसे शानदार टूरिस्ट स्टेट के रूप में भी जाना जाता है। असम का पर्यटन क्षेत्र जितना खूबसूरत और मनमोहक है उतना ही रहस्यमय भी है।

जतिंगा वैली का रहस्य | Jatinga Bird Mystery In Hindi

jatinga valley में पक्षियों की आत्महत्या करने के पीछे क्या कारण है। इसके बारे में वैज्ञानिक अपना अलग-अलग तर्क देते है लेकिन वैली में होने वाली पक्षों की आत्महत्या के पीछे का कारण अभी तक पता नहीं लग पाया है। 

कुछ लोग बताते है कि jatinga valley में चलने वाली तेज हवाओं के कारण पक्षियों का संतुलन बिगड़ जाता है और वहां स्थित पेड़ों से टकराकर पक्षियों की मौत हो जाती है। क्या करने वाले पक्षियों में स्थानीय वीडियो और प्रवासी चिड़ियों की लगभग 40 प्रजातियां सम्मिलित है।

जतिंगा वैली का रहस्य चाहे जो भी हो लेकिन जतिंगा वैली में पक्षियों की आत्महत्या दुनिया भर में रहस्य का विषय है।

जतिंगा वैली में होने वाली दिल्ली में होने वाली पक्षों की आत्महत्या के पीछे स्थानीय लोग बताते हैं कि यह भूत प्रेत और अदृश्य ताकतों का काम है।

दक्षिणी असम के दिमो हासो जिले की पहाड़ी पर जतिंगा गांव है जो प्राकृतिक अलगाव के कारण वर्ष भर पर्यटकों की दुनिया से बिल्कुल अलग रहता है लेकिन सितंबर माह से वैली में होने वाली पक्षों की आत्महत्या के कारण यह गांव विश्व भर में आकर्षण का केंद्र बन जाता है पूरे विश्व में लोग जतिंगा वैली को हांटेड वैली के नाम सभी जानते है।

जतिंगा वैली में रात्रि प्रवेश बंद | Jatinga At Night

जतिंगा वैली में रात्रि प्रवेश बंद

दरअसल अक्टूबर से नवंबर के दौरान कृष्ण पक्ष की रात्रि में यहां “पक्षी हराकिरी” की अजीब घटना होती है। रात्रि में यहां तेज रफ्तार में हवाओं का चलना और आसमान में धुंध छा जाना और यदि कहीं से कोई रोशनी आ जाए तो पक्षियों की खैर नहीं होती पक्षियों के झुंड कीट पतंगों की तरह है बेहोश होकर रोशनी के स्रोत पर गिरने लग जाते हैं पक्षियों की आत्महत्या की दौड़ में स्थानीय और प्रवासी पक्षियों की लगभग 40 प्रजातियां शामिल रहती है। कहते है की बाहरी प्रवासी पक्षी इस वैली में आने के बाद कभी वापस नहीं पाते।

जतिंगा वैली का सच | Jatinga Valley Haunted Story In Hindi

असम के बोरवेल हिल्स में स्थित है जहां बहुत ज्यादा ऊंचाई होने के कारण बारिश अधिक होती हैं और अधिक ऊंचाई के कारण पहाड़ों और पहाड़ों से घिरे होने के कारण यहां धुंध और बादल छाए रहते है। 

वैज्ञानिकों के अनुसार गहरी घाटी में होने के कारण जतिंगा में तेज बरसात के दौरान जब पक्षी उड़ने की कोशिश करते हैं तो वह बारिश में भीग जाते है और उनका शरीर भारी हो जाता है। 

जतिंगा वैली का रहस्य

ऐसे में प्राकृतिक रूप से उड़ने में सक्षम हो जाते हैं क्योंकि जतिंगा वैली में बांस के घने जंगल और कटीले जंगल है और पक्षी उड़ने में सक्षम होने के कारण इन से टकराकर दुर्घटना ग्रस्त हो जाते है और अपनी जान गवा देते हैं और जहां तक शाम के समय की बात है तो पक्षी शाम के वक्त ही अपने घोंसले की तरफ लौटते हैं और ऐसे में ज्यादा दुर्घटनाएं होती है।

जानवर खुदकुशी नही करते | Jatinga Bird Haunted Story In Hindi

इटली क्लियर यूनिवर्सिटी इटली के एंथोनियर प्रति बताते हैं कि जानवरों पक्षियों का आत्महत्या पक्षियों की आत्महत्या करने का ख्याल ही गलत है इन्होंने पिछले 40 सालों में पक्षियों की आत्महत्या करने की 1000 से भी ज्यादा अध्ययन किया है।

अध्ययन करता प्रीति बताती हैं कि पक्षी जानबूझकर अपनी जान नहीं देते। ध्रुवीय प्रदेशों में पाए जाने वाले जानवर जैसे लेमिंग्स जानवर, जो एक साथ झुंड में जाकर किसी खाई में गिर जाते है और मर जाते है।

वैज्ञानिक बताते हैं कि यह पशु या जानवर किसी गलती के कारण खाई में गिर जाते है और वहां मर जाते है। इनकी तादाद इतनी ज्यादा होती है कि यह हजारों की संख्या में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाता है और इसी स्थान बदलने के कारण बहुत से जानवरों की मौत हो जाती है। 

अमेरिकन एक्सपर्ट बारबरा किंग बताती है कि अभी तक हम जानवरों के मस्तिष्क को ठीक से नहीं समझ पाए हैं अतः पक्षियों की आत्महत्या के सवाल का जवाब देना अभी मुश्किल है।

जतिंगा वैली कैसे जाएं | Jatinga Valley Assam Haunted Story In Hindi

जतिंगा वैली, गुवाहाटी से लगभग 330 किलोमीटर दूर है । गुवाहाटी से हाफलोंग के लिए ट्रेन और बस दोनों की सुविधा भी उपलब्ध है। 

यहां पहुंच कर आप प्रकृति को अपने नजदीक महसूस कर पाते है।

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