विक्रम बेताल की कहानी भाग 22 | बेताल पच्चीसी की कहानी | Vikram Betal Ki Kahani

 Vikram Betal Ki Kahani का अगला भाग सुनाने वाले है। बेताल के द्वारा विक्रमादित्य को सुनाई गई कहानियां बच्चे और बूढ़े बड़ी उत्सुकता के साथ सुनते है। बेताल के द्वारा सुनाई गयी सभी कहानियां बहुत ज्ञानवर्धक है जो बच्चों को जरूर सुनानी चाहिए। 

आप सुन रहे है रहस्य की दुनिया पर Vikram Betal Ki Kahani। कई कहानी सुनाने के बाद एक बार फिर राजा विक्रमादित्य बेताल को पेड़ से उतारकर योगी के पास ले जाने के लिए आगे बढ़ते है।

हर बार की तरह इस बार भी बेताल राजा को एक कहानी सुनाता है।

आइए विक्रम बेताल की कहानीविक्रम बेताल की कहानी भाग 22

विक्रम बेताल की कहानी भाग 22

पढ़े लिखे मूर्ख ? | विक्रम बेताल की कहानी भाग 22

कुसुमपुर नगर में राजा शासन करता था। जहां एक ब्राह्मण अपने चार बेटों के साथ रहता था। लड़कों के बड़े होने पर ब्राह्मण मर गया और ब्राह्मणी उसके साथ सती हो जाती है।

उनके रिश्तेदारों ने ब्राह्मण का सारा अर्जित धन छीन लिया और चारों भाई अपने नाना के यहां चले गए। लेकिन कुछ दिनों बाद उनके साथ वहां भी बुरा व्यवहार होने लगा। 

तब सब ने मिलकर एक ही सोचा कि उनको कोई विद्या  सीखनी चाहिए। यह सोचकर चारों चार दिशाओं में चल दिए। कुछ समय बाद चारों विद्या सीखकर एक स्थान पर मिले। 

एक ने कहा - मैंने ऐसी विद्या सीखी है कि मैं मरे हुए प्राणी की हड्डियों पर मांस चढ़ा सकता हूं। 

दूसरे ने कहा - मैं उसके बाल और खाल पैदा कर सकता हूं। 

तीसरे ब्राह्मण पुत्र ने कहा - मैं उसके सारे अंग बना सकता हूं।

और चौथा ब्राह्मण पुत्र बोला - मैं उस में जान डाल सकता हूं। 

फिर सभी अपनी परीक्षा विद्या की परीक्षा लेने के लिए जंगल गया। वहां उन्हें एक मरे हुए शेर की हड्डियां दिखाई दी। उन्होंने उसे बिना पहचाने ही उठा लिया और एकत्र करके एक जगह एकत्र कर ले। 

पहले पुत्र ने अपनी विद्या से उन्हें पर मांस चढ़ा दिया। दूसरे ब्राह्मण पुत्र ने उस पर खाल और बाल पैदा कर दिए। तीसरे ब्राह्मण पुत्र ने उसके सारे अंग बनाएं और चौथा चौथे ब्राह्मण पुत्र ने उसमें प्राण डाल दिए। इसके पश्चात शेर जीवित हो उठा। शेर भूखा था उन चारों ब्राह्मण पुत्रों को मारकर खा गया।

इतनी कहानी सुनाकर बेताल बोला - राजन बताओ उन चारों में शेर को जीवित करने का अपराध किसने किया? 

राजा ने कहा - जिसने प्राण डालें क्योंकि बाकी बाकी तीनों को तो यह पता नहीं था कि वह शेर बना रहे है इसलिए उनका कोई दोष नहीं।

राजा का जवाब सुनकर बेताल बहुत खुश हुआ और बोला राजन तुमने मार्ग में न बोलने की अपनी शर्त तोड़ दी। इसके पश्चात बेताल वापस पेड़ पर जा लटका। राजा विक्रम बेताल के पीछे पीछे जाकर उसको पकड़ कर लाते है। बेताल राजा विक्रम को रास्ते में फिर से एक नई कहानी सुनाता है।

तो आज की Vikram Betal Ki Kahani में इतना ही फिर मिलते है नई कहानी के साथ सुनते रहिए Rahasyo Ki Duniya पर विक्रम बेताल की कहानियां

 विक्रम बेताल की कहानियां  :-

    बेताल ने राजा विक्रम को उस एक रात में 24 कहानियां सुनाई थी और अंतिम कहानी उस योगी की थी जिसके कारण बेताल विक्रम बेताल की कहानियों को एक जगह संग्रहित कर के उसको बेताल पच्चीसी नाम दिया गया।

    आगे आने वाले भाग में हम आपको विक्रम बेताल की कहानियां , Vikram Betal Ki Kahani के सभी भाग सुनाएंगे।जिसमे आपको पता चलेगा की बेताल ने कौन कौनसी ज्ञानवर्धक कहानियां राजा विक्रम को सुनाई थी। 

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