विक्रम बेताल की कहानी भाग 23 | Vikram Betal Ki Kahani

Vikram Betal Ki Kahani का अगला भाग सुनाने वाले है। बेताल के द्वारा विक्रमादित्य को सुनाई गई कहानियां बच्चे और बूढ़े बड़ी उत्सुकता के साथ सुनते है। बेताल के द्वारा सुनाई गयी सभी कहानियां बहुत ज्ञानवर्धक है जो बच्चों को जरूर सुनानी चाहिए। 

आप सुन रहे है रहस्य की दुनिया पर Vikram Betal Ki Kahani। कई कहानी सुनाने के बाद एक बार फिर राजा विक्रमादित्य बेताल को पेड़ से उतारकर योगी के पास ले जाने के लिए आगे बढ़ते है।

हर बार की तरह इस बार भी बेताल राजा को एक कहानी सुनाता है।

आइए विक्रम बेताल की कहानीविक्रम बेताल की कहानी भाग 23

विक्रम बेताल की कहानी भाग 23

साधु पहले क्यों रोया और फिर क्यों हंसा ? | विक्रम बेताल की कहानी भाग 23

कलिंग देश में शोभावती नामक नगर था। जहां प्रद्युमन राजा शासन करता था। उसी नगरी में ब्राह्मण अपने देवसोम नामक पुत्र के साथ रहता था। 

जब देवसोम सोलह बरस का हुआ तो उसने अपनी सारी विद्या सीख ली और अचानक से एक दिन दुर्भाग्यवश उसकी मृत्यु हो गई। बूढ़े मां बाप बहुत दुखी हुए। चारों तरफ शोक छा गया जब लोग उसको लेकर शमशान पहुंचे तो रोने पीटने की आवाज सुनकर एक योगी साधु अपनी कुटिया में से निकल कर आया। 

पहले तो वह खूब जोर से रोया और फिर खूब हंसा। इसके पश्चात अपने योग बल से अपना शरीर छोड़कर ब्राह्मण पुत्र की शरीर में चला गया। ब्राह्मण लड़का खड़ा हो गया। उसको जीता देखकर सब बड़े खुश हुए है और वह लड़का वही तपस्या करने लगा। 

इतनी कहानी सुनाकर बेताल बोला - राजन बताओ वह साधु पहले क्यों रोया और फिर क्यों हंसा? 

जिसके पश्चात राजा विक्रम ने कहा - वह पहले इसलिए रोया कि जिस शरीर को उसके मां बाप ने पाला-पोसा और जिसने जिससे उसे बहुत सारी शिक्षा ही प्राप्त की वह उसे छोड़ रहा था। और हंसा इसलिए कि वह नए शरीर में प्रवेश करके और अधिक सिद्धियां प्राप्त करेगा। 

राजा का जवाब सुनकर बेताल बहुत खुश हुआ और बोला राजन तुम ने अपना मुंह खोला और अब मैं चला। बेताल वापस पेड़ पर जाकर लटक जाता है और राजा विक्रम और बेताल के पीछे जाकर उसको पेड़ से नीचे उतार कर लाते है रास्ते में बेताल पुणे राजा विक्रम को एक नई कहानी सुनाता है।

तो आज की Vikram Betal Ki Kahani में इतना ही फिर मिलते है नई कहानी के साथ सुनते रहिए Rahasyo Ki Duniya पर विक्रम बेताल की कहानियां

 विक्रम बेताल की कहानियां  :-

    बेताल ने राजा विक्रम को उस एक रात में 24 कहानियां सुनाई थी और अंतिम कहानी उस योगी की थी जिसके कारण बेताल विक्रम बेताल की कहानियों को एक जगह संग्रहित कर के उसको बेताल पच्चीसी नाम दिया गया।

    आगे आने वाले भाग में हम आपको विक्रम बेताल की कहानियां , Vikram Betal Ki Kahani के सभी भाग सुनाएंगे।जिसमे आपको पता चलेगा की बेताल ने कौन कौनसी ज्ञानवर्धक कहानियां राजा विक्रम को सुनाई थी। 

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