विक्रम बेताल की कहानी भाग 9 | बेताल पच्चीसी की कहानी | Vikram Betal Ki Kahani

विक्रम बेताल की कहानी का अगला भाग सुनाने वाले है। बेताल के द्वारा विक्रमादित्य को सुनाई गई कहानियां बच्चे और बूढ़े बड़ी उत्सुकता के साथ सुनते है। बेताल के द्वारा सुनाई गयी सभी कहानियां बहुत ज्ञानवर्धक है जो बच्चों को जरूर सुनानी चाहिए। 

आइए विक्रम बेताल की कहानीविक्रम बेताल की कहानी भाग 9

विक्रम बेताल की कहानी भाग 9

उत्तम वर कौन | विक्रम बेताल की कहानी भाग 9

एक नगर था घर मे मक्केश्वर नाम का एक राजा शासन करता था। उसकी सुलोचना नाम की रानी थी। एक राजकुमारी भी थी जिसका नाम शशिबाला था। शशिबाला में यथा नाम और गुण थे। शादी योग्य हुई तो उसका रूप और निखर गया। शशीबाला के यौवन के चर्चे दूर-दूर तक नगरियों में होने लगे थे।

राजा और रानी को उसके ब्याह की फिक्र होने लगी। राजा ने विवाह के लिए चारों ओर खबर फैलावा दी। नजदीकी देशों से शशि बाला के लिए ही रिश्ते आने लगी थे।

दूर-दराज के राजाओं ने अपनी-अपनी तस्वीरें बनवाकर शशिबाला के विवाह के लिए भेजी पर राजकुमारी को उनमें से कोई भी पसंद नहीं आया।

राजा शशिबाला से कहता है बेटी कहो तो मैं तुम्हारे लिए एक स्व्यंबर कराऊ। लेकिन लेकिन शशिबाला मानी नहीं।

राजा ने तय किया कि शशि बाला का विवाह उसी व्यक्ति से होगा जो रूप,बल और ज्ञान इन तीनों में ही बड़ा निपुण होगा।

एक राजा के पास 4 देशों से 4 बार आए। नगर के राजकुमार ने कहा मेरे जैसा रेशम वस्त्र कोई नहीं मना सकता मैं एक कपड़ा मना कर 5लाख तक के मूल्य में बेचता हूं, विद्या को मेरा अलावा इस सृष्टि में कोई नहीं जानता।

उसने राजा को कई रेशमी वस्त्र दिखाएं और दिए। सभी वस्त्र चमकदार थे उन्हें देखकर राजा आश्चर्यचकित हो गया।

अवंती से आए राजकुमार ने कहा मैं जल-थल में पशुओं की भाषा को समझ सकता हूं। हवा में शरीर के सभी अंगों के बारे में जानता हूं। मैं राजकुमारी को कभी कोई शारीरिक कष्ट नहीं होने दूंगा।

चोल देश से आए राजकुमार ने कहा मैं शब्दभेदी बाण चलाना जानता हूं। धनुर्विद्या में मुझे कोई पराजित नहीं कर सकता।

बंग देश से आए राजकुमार ने कहा मैं इतना शास्त्र पढ़ा हुआ हूं कि मुझसे कोई शास्त्र विद्या में मुकाबला भी नहीं कर सकता। वेदों,पुराणों से लेकर गीतो तक सब कुछ मुझे कंठस्थ याद है।

विक्रम बेताल की कहानी | Vikram Betal Ki Kahani

की बातें सुनकर राजा सोच में पड़ गए। चारु राजकुमार सुंदरता में भी एक-से-एक बढ़कर थे।

शशि बाला को बुधवा कर उन चारों राजकुमारों के गुण और रूपों का वर्णन किया पर शशिबाला चुप खड़ी रही।

बेताल बोला राजन तुम बताओ कि राजकुमारी को उन चारों वरो में से किस से विवाह करना चाहिए?

विक्रम बोला जो राजकुमार कपड़ा बना कर भेजता है,वह शुद्र है। जो पशुओं की बात भाषा तथा शरीर के अंगों के बारे में जानता है,वह वैश्य हैं। शास्त्र पड़ा हुआ है,वह ब्राह्मण है। शब्दभेदी बाण चलाना जानता है मैं राजकुमारी के लिए सजातीय हैं उसके योग्य हैं। राजकुमारी उसे ही मिलनी चाहिए।

राजा विक्रम के इतना कहते ही बेताल भयानक अट्टहास करते हुए वहां से गायब हो गया।

फिर उसे उस पीपल की पेड़ से लेकर नगर की ओर चल दिए।

 विक्रम बेताल की कहानियां  :-

बेताल ने राजा विक्रम को उस एक रात में 24 कहानियां सुनाई थी और अंतिम कहानी उस योगी की थी जिसके कारण बेताल विक्रम बेताल की कहानियों को एक जगह संग्रहित कर के उसको बेताल पच्चीसी नाम दिया गया।

आगे आने वाले भाग में हम आपको विक्रम बेताल की कहानियां , विक्रम बेताल की कहानी के सभी भाग सुनाएंगे।जिसमे आपको पता चलेगा की बेताल ने कौन कौनसी ज्ञानवर्धक कहानियां राजा विक्रम को सुनाई थी। 

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