विक्रम बेताल की कहानी भाग 13 | बेताल पच्चीसी की कहानी | Vikram Betal Ki Kahani

विक्रम बेताल की कहानी का अगला भाग सुनाने वाले है। बेताल के द्वारा विक्रमादित्य को सुनाई गई कहानियां बच्चे और बूढ़े बड़ी उत्सुकता के साथ सुनते है। बेताल के द्वारा सुनाई गयी सभी कहानियां बहुत ज्ञानवर्धक है जो बच्चों को जरूर सुनानी चाहिए। 

आइए विक्रम बेताल की कहानीविक्रम बेताल की कहानी भाग 13

विक्रम बेताल की कहानी भाग 13

दोषी कौन है ? | विक्रम बेताल की कहानी भाग 13

चालाक बेताल राजा को पुनः अपनी चालाकी में फंसा कर उन्हें नई कहानी सुनाता है। 

इस कहानी का शीर्षक है - दोषी कौन है ? 

बनारस में देवस्वामी नामक ब्राह्मण रहता था। जिसके पुत्र का नाम हरिदास था। हरिदास की पत्नी लावण्यवती बहुत ही सुंदर थी। एक दिन सभी महल की छत के ऊपर सो रहे थे। 

आधी रात के समय गंधर्वकुमार आकाश में घूमता हुआ आया। तब उसकी नजर लावण्यावती पर पड़ी। लावण्यवती को देखकर गंधर्व मोहित हो गया और उसका अपहरण कर ले गया। 

जागने पर जब हरिदास ने देखा कि उसकी पत्नी नहीं है तो उसको बहुत दुख हुआ और आत्महत्या करने को तैयार हो गया। लोगों के समझाने पर वह मान गया। लेकिन उसने सोचा की तीर्थ करने से शायद उसके सभी पाप दूर हो जाए और उसकी पत्नी मिल जाए। 

वह चलते-चलते एक गांव में ब्राह्मण के घर पहुंचा। उसको भूखा देखकर एक ब्राह्मणी ने उसे कटोरा भर कर खीर दे दी। तालाब के किनारे बैठकर खाने को कहा ताकि उसको हाथ मुंह धोने और प्यास लगने पर पीने के लिए पानी भी मिल जाए।

खीर लेकर हरिदास पेड़ के नीचे गया और वहां खीर को रखकर तालाब में हाथ होने लग गया। उसी समय बाज किसी सांप को लेकर उस पेड़ पर बैठा और जब बाज सांप को खा रहा था तब सांप के मुंह से जहर टपक कर कटोरे में गिर गया।

हरिदास को कुछ पता नहीं था। जब हरिदास खीर खा गया तो उस पर जहर का असर होने लगा और वह तड़पने लगा। दौड़ कर ब्राह्मणी के पास गया और बोला तूने मुझे जहर दे दिया। इतना कहकर हरिदास मर गया।

ब्राह्मण जब यह देखा तो उस ब्राह्मणी को ब्रह्मघातनि कहकर उसे घर से निकाल दिया।

इतनी कहानी सुनाकर बेताल बोला- हे! राजन बताओ की ब्राह्मणी,बाज और साँप इन तीनो में से अपराधी कौन है ?

राजा ने कहा - कोई नहीं। सांप तो इसलिए नहीं कि वह शत्रु के वश में था। बाज इसलिए नहीं क्योंकि वह भूखा था उसे जो भी मिला वह उसी को खाने लगा। ब्राह्मणी इसलिए नहीं क्योंकि उसने अपना धर्म समझकर हरिदास को खीर खाने के लिए दी थी। इन तीनों में से किसी को दोषी कहेगा। वह खुद ही दोषी होगा। इसलिए अपराधी ब्राह्मणी का पति, जिसने बिना सोच-विचार किए ही ब्राह्मणी को घर से निकाल दिया।

विक्रम बेताल की कहानियां | vikram betal story in hindi

राजा का जवाब सुनकर बेताल बहुत खुश हुआ और बेताल बोला राजन तू ने मुंह खोला अब मैं चला और वापस बेताल पेड़ पर जा लटका राजा विक्रम बेताल को पेड़ से नीचे उतारकर नगर को चलते है।

तो आज की विक्रम बेताल की कहानी में इतना ही फिर मिलते है नई कहानी के साथ सुनते रहिए Rahasyo Ki Duniya पर विक्रम बेताल की कहानियां

 विक्रम बेताल की कहानियां  :-

आगे आने वाले भाग में हम आपको विक्रम बेताल की कहानियां , विक्रम बेताल की कहानी के सभी भाग सुनाएंगे।जिसमे आपको पता चलेगा की बेताल ने कौन कौनसी ज्ञानवर्धक कहानियां राजा विक्रम को सुनाई थी। 

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